കസ്തൂരി മാന് - കബീര് ദാസ്
कस्तूरी
मृग का नभी में कस्तूरी बस्ते ! लेकिन वह पह्चान कर वन में खोजते है ! उस्को कस्तूरी नही मिल्ते !
उसी प्रकार मनुष्य के हर शरीर के ऎक ऎक अणू में ईश्वर रह्ते ! लेकीन वह न पह्चान
कर दुनिया में दूढ्ने है ! उस्को ईश्वर नही मिल्ते है!